संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाओं में वर्षों तक मेहनत करने वाले उन अभ्यर्थियों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है, जो अंतिम चरण—इंटरव्यू तक तो पहुँचते हैं, मगर मेरिट सूची में नाम न आने के कारण हताश हो जाते हैं। केंद्र सरकार ने अब ऐसे उम्मीदवारों के लिए 'प्रतिभा सेतु' नामक एक विशेष योजना को सक्रिय रूप में लागू किया है, जिसके माध्यम से न केवल सरकारी मंत्रालय बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ और निजी कंपनियाँ भी उन्हें नौकरी के लिए आमंत्रित कर सकेंगी।
क्या है 'प्रतिभा सेतु'?
'प्रतिभा सेतु' यानी ‘Professional Resource and Talent Integration - Bridge for Hiring Aspirants’ (PRATIBHA), जिसे पहले Public Disclosure Scheme (PDS) के नाम से जाना जाता था, अब नए स्वरूप और उद्देश्य के साथ लागू किया गया है। यह योजना 2018 में प्रारंभ की गई थी, लेकिन तब यह केवल एक औपचारिक सूची तक सीमित थी। अब इसमें तकनीकी बदलाव और डिजिटल मंच की सुविधा भी जोड़ी गई है।
इस पोर्टल के जरिए उन उम्मीदवारों को चिन्हित किया जाएगा जिन्होंने UPSC की किसी प्रमुख परीक्षा में साक्षात्कार तक का सफर तय किया हो, लेकिन अंतिम चयन से चूक गए हों।
कौन-कौन सी परीक्षाएँ हैं शामिल?
'प्रतिभा सेतु' के अंतर्गत UPSC की 8 प्रमुख परीक्षाओं को फिलहाल जोड़ा गया है:
• सिविल सेवा परीक्षा (CSE)
• आर्थिक और सांख्यिकी सेवा (IESS)
• संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS)
• भारतीय वन सेवा (IFS)
• रक्षा सेवा परीक्षा (CDS)
• इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ESE)
• भू-वैज्ञानिक परीक्षा (CGSE)
• केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल परीक्षा (CAPF-ACS)
इन परीक्षाओं में इंटरव्यू तक पहुँचने वाले और फिर भी चयन से वंचित रहने वाले उम्मीदवारों का डाटा UPSC ने संकलित किया है, जिसकी संख्या फिलहाल 10,000 से अधिक बताई जा रही है।
कैसे मिलेगा फायदा?
इस योजना के तहत:
• इन अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता, बायोडेटा और संपर्क विवरण UPSC द्वारा बनाए गए प्रतिभा पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
• सरकारी मंत्रालय, पीएसयू और निजी कंपनियाँ इस पोर्टल से लॉगिन आईडी लेकर इन प्रोफाइल्स को देख सकेंगी।
• नियोक्ता अभ्यर्थियों से सीधा संपर्क कर सकेंगे और इंटरव्यू प्रक्रिया के लिए उन्हें बुला सकेंगे।
• इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और उम्मीदवार की पूर्व सहमति अनिवार्य होगी।
निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ेगी
यह योजना सिर्फ सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं रहेगी। देश की प्रमुख निजी कंपनियाँ भी UPSC के इस पोर्टल से जुड़ सकेंगी। इससे उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा को अच्छे कॉरपोरेट अवसर भी मिलेंगे, जहाँ वे अपने ज्ञान, कौशल और अनुशासन का उपयोग कर सकें।
क्यों है ये योजना ज़रूरी?
UPSC की परीक्षा प्रक्रिया न केवल लंबी और कठिन होती है, बल्कि इसके लिए वर्षों की तैयारी और मानसिक, शारीरिक तथा भावनात्मक समर्पण भी चाहिए। लेकिन अंतिम सूची में नाम न आने के बाद:
• अभ्यर्थी अवसाद और तनाव में चले जाते हैं।
• उनके सामने भविष्य को लेकर अनिश्चितता खड़ी हो जाती है।
• कई बार यह उनका अंतिम प्रयास होता है, जिसके बाद दोबारा प्रयास करना संभव नहीं होता।
ऐसे में 'प्रतिभा सेतु' एक उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आया है, जो इस प्रतिभा को बर्बाद नहीं होने देगा।
क्या कहना है UPSC का?
UPSC के अनुसार, "जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा के अंतिम चरणों तक पहुँच कर खुद को साबित किया है, वे किसी भी दृष्टिकोण से चयनित उम्मीदवारों से कम नहीं हैं। ऐसे योग्य उम्मीदवारों को सही प्लेटफॉर्म देना ही इस योजना का उद्देश्य है।"