वर्दी में ‘वीरू’! सोशल मीडिया पर छाए यूपी पुलिस के नए सिपाही, अफसरों की बढ़ी चिंता

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उत्तर प्रदेश पुलिस में हाल ही में हुई 60 हजार से ज्यादा सिपाहियों की भर्ती ने जहां फोर्स को नई ऊर्जा दी है, वहीं एक अनोखा सोशल मीडिया ट्रेंड भी जन्म ले चुका है। इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स—खासतौर पर इंस्टाग्राम—पर यूपी पुलिस के नए रंगरूटों की वर्दी में बनाई गई रील्स खूब वायरल हो रही हैं। रील्स में कभी फिल्मी गानों पर लिप्सिंग, तो कभी डायलॉगबाजी, और कहीं ट्रेनिंग के इमोशनल विदाई सीन... यह सब अब डिजिटल दुनिया में 'न्यू पुलिस फेस' बन चुका है।


जब सिपाही बनने से पहले बना इंस्टा स्टार


नए पुलिसकर्मी फिल्म ‘सिंघम’ और ‘दबंग’ के किरदारों से खासे प्रभावित नजर आते हैं। कई सिपाहियों ने अपने इंस्टाग्राम यूजरनेम में “COP” या “UP Police” जोड़ लिया है और बायो में लिखा है—“Serving the Nation” या “Dream Big, Work Hard”. कुछ की प्रोफाइल वर्दी में खेतों के बीच खड़े फोटो और ट्रेनिंग के ड्रम-बीट्स से सजी हुई है।


ट्रेंड की दिलचस्प बात ये है कि इन वीडियो में युवा सिपाही विदाई के इमोशनल दृश्यों को बैकग्राउंड म्यूजिक और कैप्शन के साथ परोस रहे हैं।


उदाहरण के तौर पर अनीता भारती ने पीलीभीत स्थित ट्रेनिंग सेंटर से एक इमोशनल रील शेयर की है, जिसमें उन्होंने लिखा कि ट्रेनिंग शुरू, लेकिन दिल गांव में रह गया। ‘कॉप इन्नोसेंट विक्कू’ नामक यूजर ने लिखा कि जॉइनिंग की खुशी है लेकिन परिवार से बिछड़ने का दुख भी भारी है। कॉप अजहर ने अपनी रील में दर्द भरे गाने के साथ जुदाई के लम्हे को भावुक अंदाज में दिखाया है।


सोशल मीडिया पर आलोचना भी तेज


रील्स की यह बाढ़ सिर्फ ट्रेंड तक सीमित नहीं रही है, आम लोग भी इस पर सवाल उठाने लगे हैं।


एक यूजर @imshvetank ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—“यूपी पुलिस में नए सिपाहियों की भरती के बाद अब पूरा इंस्टाग्राम जैसे ‘सिंघम सीरीज’ बन गया है। हर कोई खुद को रोहिट शेट्टी की फिल्म का हीरो समझ रहा है।”


एक और यूजर @asishth ने चुटकी लेते हुए लिखा—“इन नए सिपाहियों की रील्स देख कर लग रहा है जैसे ट्रेनिंग नहीं, कोई बॉलीवुड की शूटिंग हो रही हो।”

 

अफसरों की चिंता: ‘डिजिटल सिंघम’ न बन जाए असली पुलिसिंग पर भारी


इस ट्रेंड को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी गंभीर हैं। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि पुलिसिंग एक तपस्या है, उसका ग्लैमराइजेशन उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाता है। वर्दी सिर्फ दिखाने के लिए नहीं, जिम्मेदारी के लिए होती है। सोशल मीडिया पर इस तरह की गतिविधियों पर नियंत्रण जरूरी है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने भी सख्त लहजे में कहा कि ये एक तरह की असभ्यता है, जो फोर्स की गंभीरता और साख पर सवाल खड़ा करती है।


अब ट्रेनिंग में ही मिलेगी सोशल मीडिया की शिक्षा


पुलिस विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इन नए सिपाहियों को ट्रेनिंग के दौरान सोशल मीडिया की जिम्मेदारी और मर्यादा का पाठ पढ़ाया जाएगा। विभाग की पहले से ही एक विस्तृत सोशल मीडिया गाइडलाइन मौजूद है, जिसकी जानकारी अब भर्ती बैच को दी जाएगी।

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