दो महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले के सिलसिले में दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आतंकियों को आश्रय देने और उनके लिए सुविधाएं जुटाने का आरोप है। गिरफ्तार किए गए इन दोनों व्यक्तियों की पहचान परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार के रूप में हुई है, जो पहलगाम के ही निवासी बताए जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, NIA की पूछताछ में इन दोनों ने कबूल किया है कि इन्होंने हमले से पहले तीन आतंकवादियों को अपने इलाके में मौजूद हिल पार्क के पास एक अस्थायी झोपड़ी में पनाह दी थी। आरोपियों ने न सिर्फ उन्हें आश्रय दिया, बल्कि भोजन और अन्य जरूरी संसाधनों की व्यवस्था भी की। जांच एजेंसी का कहना है कि यह सारा सहयोग जानबूझकर किया गया था और आतंकियों की पहचान भी आरोपियों द्वारा स्पष्ट रूप से बताई गई है।
पाकिस्तानी आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की पुष्टि
NIA की रिपोर्ट के अनुसार, परवेज और बशीर ने यह भी स्वीकार किया है कि जिन आतंकियों को उन्होंने शरण दी थी, वे पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कुख्यात आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए थे। यह खुलासा NIA की जांच में एक बड़ी प्रगति के रूप में देखा जा रहा है, जिससे आतंकी नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की संभावना मजबूत हुई है।
बायसरन घाटी में हुआ था खौफनाक हमला
गौरतलब है कि यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को पहलगाम शहर से करीब छह किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में हुआ था, जहां धार्मिक यात्रा पर निकले हिन्दुओं को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। इस भयावह हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जबकि 16 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आतंकियों ने जानबूझकर यात्रियों की धार्मिक पहचान के आधार पर उन्हें निशाना बनाया था, जिससे इस हमले की सांप्रदायिक प्रवृत्ति भी सामने आई।
तीन संदिग्ध आतंकियों की हुई थी पहचान
हमले के कुछ दिनों बाद, 24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस द्वारा जारी किए गए स्केच में तीन संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें सामने आई थीं। इनमें अनंतनाग का आदिल हुसैन ठोकर, और दो पाकिस्तानी नागरिक — हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई शामिल थे। विशेष रूप से, मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में एक प्रशिक्षित कमांडो रह चुका है, जो इस हमले को और अधिक संगठित व सुनियोजित साबित करता है। सुरक्षा एजेंसियों ने मूसा और अली पर 20-20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका पर अभी संशय
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि परवेज और बशीर ने जिन आतंकियों को शरण दी थी, वे यही तीन नामित आतंकी हैं या कोई अन्य। लेकिन दोनों की गिरफ्तारी ने जांच को एक नए मुकाम तक पहुंचा दिया है। NIA इस दिशा में आगे की कड़ियां जोड़ने में जुटी है और संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।