सुपरस्टार विजय थलापति के खिलाफ फतवा: मुस्लिम भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप, फिल्म 'बीस्ट' से भी जुड़ा विवाद

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तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और अब उभरते हुए राजनेता विजय थलापति एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला धार्मिक संवेदनाओं से जुड़ा है, और आरोप है कि विजय ने रमजान के पाक महीने में इफ्तार पार्टी आयोजित कर मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत किया है। इसके विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बरेली स्थित दारुल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बुधवार को उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया।


रोजा रखने पर उठे सवाल, फतवे में कटघरे में विजय


मौलाना से एक व्यक्ति ने सवाल किया था कि क्या विजय थलापति का रोजा रखना इस्लामी दृष्टिकोण से जायज है? इसी सवाल के जवाब में मौलाना शहाबुद्दीन ने फतवा जारी करते हुए कहा कि विजय का इतिहास मुस्लिम विरोधी रहा है। उन्होंने अपनी फिल्म 'बीस्ट' में मुस्लिम समुदाय को आतंकवाद से जोड़ा है और उन्हें नकारात्मक छवि में दर्शाया है। मौलाना ने तमिलनाडु के मुसलमानों से अपील की है कि वे विजय से दूरी बनाए रखें और उन्हें अपने धार्मिक आयोजनों में न बुलाएं।

 


'बीस्ट' फिल्म से जुड़ा विवाद अब भी जिंदा


2022 में रिलीज हुई फिल्म ‘बीस्ट’ को लेकर पहले भी विवाद हुआ था। फिल्म में विजय ने एक ऐसे स्पाई का किरदार निभाया है जो चेन्नई के एक मॉल में आतंकी हमले के दौरान आतंकियों से भिड़ता है। फिल्म के कुछ सीन में दिखाया गया है कि आतंकवादी मुस्लिम पहचान वाले हैं, जिसे लेकर खासकर खाड़ी देशों और तमिलनाडु के कुछ मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इतना ही नहीं, कुवैत में इस फिल्म को बैन भी कर दिया गया था।


मौलाना शहाबुद्दीन ने इसी फिल्म का हवाला देते हुए कहा कि विजय ने जानबूझकर मुसलमानों को राक्षस और शैतान के रूप में पेश किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फिल्म एक समुदाय को बदनाम करने की साजिश है।


इफ्तार पार्टी पर सवाल, नीयत पर उठी उंगली


9 मार्च को रमजान के मौके पर विजय थलापति ने चेन्नई में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के साथ रोजा खोला, बल्कि खुद भी एक दिन का उपवास रखा। इस इफ्तार पार्टी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जहां कुछ लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की, वहीं कई लोगों ने इसे दिखावा और राजनीतिक प्रचार का हिस्सा बताया।


मौलाना शहाबुद्दीन ने इफ्तार पार्टी को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि विजय ने पार्टी में ऐसे लोगों को बुलाया जो इस्लामी मूल्यों और धार्मिक मर्यादाओं के विरुद्ध जीवन जीते हैं। इनमें शराबी, जुआरी और उपद्रवी शामिल थे, जो न तो रोजा रखते हैं और न ही नमाज पढ़ते हैं। मौलाना ने कहा कि ऐसे लोगों को बुलाकर इफ्तार करना शरीअत के अनुसार गुनाह है।

 


मुस्लिम जज़्बात का राजनीतिक इस्तेमाल?


मौलाना ने विजय पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि वे अब फिल्मी दुनिया से राजनीति की ओर रुख कर रहे हैं और इसके लिए मुस्लिम भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी पार्टी 'तमिलगा वेत्री कझगम' (TVK) हाल ही में बनी है और माना जा रहा है कि विजय तमिलनाडु की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं।


मौलाना का कहना है कि राजनीतिक लाभ उठाने के लिए रमजान में इफ्तार पार्टी का आयोजन और रोजा रखना महज दिखावा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों से सतर्क रहें और उनके झांसे में न आएं।


12 मार्च को दर्ज हुई थी FIR


तमिलनाडु सुन्नत जमात की ओर से विजय के खिलाफ चेन्नई पुलिस कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में आरोप है कि इफ्तार के दौरान विजय ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके बाद 12 मार्च को विजय के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई।

 


सोशल मीडिया पर भी इस मसले पर बहस तेज है। एक ओर लोग विजय के प्रयासों को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बता रहे हैं, तो दूसरी ओर कई यूज़र्स ने उनकी फिल्मों के बायकॉट की मांग की है।


विजय का सफर: चाइल्ड आर्टिस्ट से सुपरस्टार और अब नेता


विजय थलापति का असली नाम जोसफ विजय चंद्रशेखर है। उनका जन्म 22 जून 1976 को चेन्नई में हुआ था। वे तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सबसे ज्यादा फीस पाने वाले अभिनेताओं में गिने जाते हैं। उनके पिता एसए चंद्रशेखर जाने-माने फिल्म निर्देशक हैं और विजय ने अपने पिता की कई फिल्मों में काम किया है।


18 साल की उम्र में उन्होंने ‘नालैय्या थीरपू’ फिल्म से हीरो के तौर पर करियर शुरू किया था। अब तक विजय ने लगभग 65 फिल्मों में अभिनय किया है और कई गानों को अपनी आवाज भी दी है। 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘थुपक्की’ में गाया गया उनका गाना 'गूगल गूगल' बेहद हिट रहा था।

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