दुबई वाले शख्स को खुश करना होगा... “ग्लैमर नहीं, आत्मसम्मान चुना: बॉलीवुड की इस एक्ट्रेस ने ठुकरा दी अंडरवर्ल्ड की डिमांड, एक झटके में छोड़ दी फ़िल्म इंडस्ट्री

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मुंबई। फिल्मों की चकाचौंध और शोहरत से सजी दुनिया के पीछे कई बार ऐसे सच छिपे होते हैं जो दिल दहला देने वाले होते हैं। बॉलीवुड की एक ऐसी ही कहानी है अभिनेत्री साक्षी शिवानंद की, जिन्होंने अपने आत्मसम्मान की कीमत पर शोहरत भरा करियर छोड़ दिया। 15 अप्रैल 1977 को जन्मी साक्षी ने मंगलवार को अपना जन्मदिन मनाया। उनका फिल्मी सफर जितना रंगीन दिखता है, उसके पीछे छिपी हकीकत उतनी ही डरावनी और प्रेरणादायक है।


साक्षी शिवानंद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के बाद एमबीए की डिग्री ली थी। पढ़ाई में होशियार होने के बावजूद उनका झुकाव अभिनय की ओर था। 1995 में फिल्म जनम कुंडली से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें उनके हीरो थे हरीश। उसी साल संघर्ष नाम की दूसरी फिल्म भी आई, जिसमें अयूब खान के साथ नजर आईं, लेकिन दोनों फिल्में फ्लॉप रहीं।

 


हालांकि उनके अभिनय और सौंदर्य ने उन्हें नोटिस किया जाने वाला चेहरा बना दिया। जल्द ही उन्हें मलयालम फिल्म इंद्रप्रस्थम में ममूटी के साथ काम करने का मौका मिला। यह फिल्म हिट हुई और साक्षी ने दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी मजबूत पकड़ बना ली। हिंदी सिनेमा में उनका चेहरा खास पहचान नहीं बना सका, लेकिन साल 2000 में आई फिल्म क्रोध में सुनील शेट्टी की बहन के किरदार ने उन्हें बॉलीवुड दर्शकों के बीच भी लोकप्रियता दिलाई।

 


मगर इसी दौर में एक ऐसा मोड़ आया जिसने उनके पूरे करियर को बदलकर रख दिया। 2002 में उन्होंने 'आपको पहले भी कहीं देखा है' नाम की फिल्म में काम किया, जो भले ही खास नहीं चली, लेकिन इसके बाद उन्हें कई फिल्मों के ऑफर आने लगे। कई प्रोड्यूसर्स ने साक्षी को साइन भी किया, लेकिन अचानक खबर आई कि साक्षी ने सभी फिल्में छोड़ दी हैं और साइनिंग अमाउंट भी लौटा दिया है।


कई सालों तक यह रहस्य बना रहा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। आखिरकार 2010 में एक इंटरव्यू में साक्षी ने खुद इस राज से पर्दा उठाया। उन्होंने बताया कि 2004 में उन्होंने एक फिल्म साइन की थी जिसमें अनजाने में अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा था। शूटिंग के दौरान एक दिन उन्हें दुबई से कॉल आया जिसमें उनसे अशोभनीय बातें की गईं। पहले तो उन्होंने इस कॉल को नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ दिन बाद फिल्म के सेट पर कुछ अजनबी लोग आए और साक्षी से कहा कि उन्हें दुबई जाकर एक व्यक्ति से मिलना होगा।  


साक्षी को समझ आ गया कि मामला गंभीर है। उन्होंने फिल्म के निर्देशक से बात की, लेकिन निर्देशक ने भी उन्हें चौंका दिया। उसने कहा कि फिल्म में अंडरवर्ल्ड का पैसा है और उन्हें दुबई जाकर उस व्यक्ति की “ख्वाहिश” पूरी करनी होगी। यह सुनते ही साक्षी के पैरों तले जमीन खिसक गई। मुंबई में उस समय वह अकेली थीं, माता-पिता दक्षिण अफ्रीका में रहते थे और उनकी बहन शिल्पा हॉस्टल में पढ़ाई कर रही थीं।


साक्षी ने किसी से मिलना बंद कर दिया, फोन नंबर बदल लिया और पूरी फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली। उन्होंने अपने आत्मसम्मान की कीमत पर वह करियर छोड़ दिया जो ऊंचाई की ओर जा रहा था। बॉलीवुड से दूरी बनाकर साक्षी ने दक्षिण भारतीय सिनेमा की ओर रुख किया, जहां उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, क्योंकि वहां अंडरवर्ल्ड का खतरा नहीं था।

 

आज जब लोग साक्षी शिवानंद को याद करते हैं, तो उनकी खूबसूरती और अभिनय के साथ-साथ यह साहसी निर्णय भी याद किया जाता है, जो उन्होंने अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए लिया था। बॉलीवुड के पीछे की अंधेरी दुनिया को उजागर करने वाली यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपनी कीमत पर सपनों को नहीं बेचना चाहते।

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