वाराणसी में एमएससी की छात्रा अलका बिंद की हत्या की गुत्थी पुलिस ने महज 27 घंटे में सुलझा ली है। यह दिल दहला देने वाला मामला उस वक्त सामने आया जब मिर्जामुराद क्षेत्र के एक ढाबा होटल के कमरे में अलका की लाश कंबल में लिपटी हुई मिली। जांच में खुलासा हुआ कि अलका का कत्ल उसी के प्रेमी साहब बिंद ने किया था, जो उससे शादी का दबाव बनाए जाने और पैसों की मांग से परेशान था।
साहब बिंद को गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। भागने की कोशिश में उसने पुलिस की पिस्टल भी छीनने का प्रयास किया, जिसके जवाब में उसे गोली मारी गई। फिलहाल वह पुलिस की कस्टडी में इलाज के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे कर रहा है।
होटल में गला रेतकर की गई हत्या
घटना 2 जुलाई की है। शाम चार बजे के आसपास रूपापुर स्थित विधान बसेरा होटल के एक कमरे में अलका बिंद की लाश बरामद हुई थी। वह मिर्जामुराद की ही रहने वाली थी। होटल स्टाफ के मुताबिक, एक लड़का लड़की के आने से लगभग 15 मिनट पहले कमरे में आया था। चूंकि दोनों पिछले कुछ महीनों से अक्सर इसी होटल में मिलते थे, इसलिए इस बार भी कोई आईडी प्रूफ नहीं लिया गया और रजिस्टर में एंट्री भी नहीं की गई।
जब पूरा दिन बीत गया और कमरे से कोई बाहर नहीं आया, तो स्टाफ ने अंदर जाकर देखा। बेड पर अलका की लाश कंबल में लिपटी पड़ी थी। उसके पास ही ढाबे के किचन का एक चाकू खून से सना हुआ मिला।
पैसे मांगती थी और शादी का बनाती थी दबाव
पुलिस की पूछताछ में आरोपी साहब बिंद ने बताया कि वह मूल रूप से मिर्जामुराद का रहने वाला है और गुजरात के सूरत में कपड़े की फैक्ट्री में मशीन यूनिट ऑपरेट करता था। अलका से उसकी पहली मुलाकात 2024 में एक शादी समारोह में हुई थी। वहीं से दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और प्रेम संबंध बन गए।
साहब ने बताया कि अलका उस पर शादी का दबाव बना रही थी, जबकि उसकी नौकरी छोटी थी और वह इसके लिए तैयार नहीं था। साथ ही, अलका अकसर उससे पैसों की मांग भी करती थी, जिससे वह परेशान हो चुका था।
2 जुलाई को साहब वाराणसी पहुंचा और सुबह 9 बजे होटल का कमरा बुक किया। अलका कुछ देर बाद वहां आई। साहब ने पहले ही होटल के किचन से एक चाकू चुपचाप उठा लिया था। उसने बताया कि कमरे में दोनों के बीच शादी और पैसे को लेकर कहासुनी हुई। इसी दौरान उसने चाकू अलका की गर्दन पर रख दिया, जिससे गहरा घाव हो गया और वह वहीं ढेर हो गई।
हत्या के बाद भागने की कोशिश
हत्या के बाद साहब ने लाश को कंबल में लपेट दिया और उसका मोबाइल व एडमिट कार्ड लेकर होटल से फरार हो गया, ताकि लड़की की पहचान तुरंत न हो सके।
इधर होटल स्टाफ की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाए। सीसीटीवी फुटेज, फिंगरप्रिंट और खून से सना चाकू सबूत बने। रजिस्टर में एंट्री नहीं होने के बावजूद स्टाफ की मदद से पुलिस को एक मोबाइल नंबर और युवक की जानकारी मिली।
पुलिस ने मोबाइल की CDR से साहब की कॉल डिटेल्स निकालीं। एक नंबर पर लगातार लंबी बातचीत मिली, जिसे ट्रेस करने पर लोकेशन भदोही में साहब की बहन के घर की मिली। पुलिस ने वहां घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
मुठभेड़ में घायल होकर पकड़ा गया साहब
पुलिस के अनुसार, जब साहब को थाने लाया जा रहा था, उसी दौरान शिवरामपुर चट्टी के पास डंगहरिया क्षेत्र में उसने एक दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें साहब के दाहिने पैर में गोली लगी। उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया और फिर वापस कस्टडी में लिया गया।