लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में एक फ्लैट से अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में उज्बेकिस्तान की दो युवतियों को पकड़ा है, जो अवैध तरीके से देश में रहकर अनैतिक गतिविधियों में लिप्त थीं। इस मामले में एक स्थानीय डॉक्टर और उसके साथी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
सूचना मिलते ही दरोगा महेश कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सुशांत गोल्फ सिटी के एक लग्जरी अपार्टमेंट में छापा मारा। वहां दो विदेशी युवतियों को संदिग्ध हालत में पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान युवतियों ने बताया कि वे भारत एक महिला ‘लोयोला’ के माध्यम से पहुंची थीं।
डॉक्टर और दलाल पर संदेह
छानबीन में यह सामने आया कि लखनऊ निवासी डॉक्टर विवेक गुप्ता ने ही इन महिलाओं के रहने और ठहरने की व्यवस्था कराई थी। साथ ही उनकी मुलाकात एक व्यक्ति अर्जुन राणा उर्फ त्रिजिनराज से भी कराई गई थी। पुलिस के अनुसार, युवतियों के पास न तो पासपोर्ट था और न ही वैध वीजा या विदेशी पंजीकरण से जुड़े कोई दस्तावेज। इससे उनके भारत में रहने की वैधता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस पूरे मामले में पुलिस ने डॉक्टर विवेक गुप्ता और अर्जुन राणा के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम, विदेशी पंजीकरण अधिनियम और धोखाधड़ी जैसी धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
कानूनी प्रक्रिया शुरू, जांच में और खुलासों की उम्मीद
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मामला केवल दो युवतियों तक सीमित नहीं है। शुरुआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि इसके पीछे संगठित गिरोह काम कर रहा है। मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये महिलाएं किन रास्तों से भारत में दाखिल हुईं और किस-किस की भूमिका इस पूरे नेटवर्क में है।
फिलहाल पकड़ी गई युवतियों से पूछताछ जारी है और उनके संपर्कों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस यह भी खंगाल रही है कि लोयोला नाम की महिला कौन है और क्या वह इसी तरह और महिलाओं को भारत भेजती रही है।
हाई-प्रोफाइल इलाके में रैकेट, बढ़ी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
इस खुलासे ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस इलाके से यह सेक्स रैकेट पकड़ा गया है, वह शहर के सबसे पॉश और सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। ऐसे में बिना पासपोर्ट और वीजा के विदेशी महिलाओं का यहां रहना और सेक्स रैकेट का संचालन प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।
पुलिस कमिश्नरेट ने मामले को संवेदनशील मानते हुए ATS व अन्य एजेंसियों से भी सहयोग लेने की संभावना जताई है, ताकि मानव तस्करी और अंतरराष्ट्रीय रैकेट के लिंक को उजागर किया जा सके।